Haryana News: हरियाणा के युवाओं के लिए खुशखबरी, सैनी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान

हरियाणा की सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को अतिरिक्त 5 अंक देने को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असैंवधानिक करार दिया।
 

हरियाणा की सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को अतिरिक्त 5 अंक देने को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असैंवधानिक करार दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले हरियाणा की भाजपा सरकार को बड़ा झटका लगा है। इसके बाद सीएम सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर एक नई जानकारी शेयर की है।

सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ: सैनी
सीएम सैनी ने कहा कि कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के तहत जितने भी युवा नौकरी लगे हैं उन्हें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। हमारी सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ है। हरियाणा बीजेपी सरकार की सामाजिक और आर्थिक नीति अंत्योदय पर आधारित है। इसके तहत जिन हजारों युवाओं ने नौकरी हासिल की है, सरकार पूरी तरह से उनके साथ है।

सरकार उठाएगी ये कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीईटी परीक्षा पर कोई सवालिया निशान नहीं है। विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर ओछी राजनीति करने पर तुली हुई है। हम रिव्यू पिटीशन या विधानसभा में विधेयक लाकर इसे बरकरार रखेंगे। कांग्रेस सीईटी पर भ्रम फैलाकर युवाओं को विचलित कर रही है। हमारी सरकार ने ऐसे युवाओं को सरकारी नौकरी दी है, जिनके घरों में कोई कमाने वाला नहीं था। जबकि कांग्रेस राज में नौकरियां पैसों में बिकती थी।

क्या है CET?
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सरकारी नौकरियों में सामाजिक- आर्थिक आधार पर उन उम्मीदवारों को अतिरिक्त 5 अंक देने का फैसला लिया था, जिसके परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी पर न हो और परिवार की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रूपए से कम हो। ऐसे परिवार के आवेदक को इन 5 अंक का लाभ दिया गया था। परिवार पहचान पत्र में दर्ज आय के आधार पर यह लाभ दिया जा रहा था।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साल 2023 में निकाली गई ग्रुप C और D में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं को दोबारा परीक्षा देनी होगी। अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे। इन्हें भर्ती वाले साल में ही नियुक्ति भी दे दी गई थीं।