Haryana News: यमुना में बाढ़ बचाव कार्यों में आई तेजी, डेडलाइन बीत जाने के बाद प्रशासन हुआ अलर्ट


 

हरियाणा में मानसून की आने के साथ ही यमुना क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों में तेजी आई है। यमुना नदी के साथ लगते जिले लालूपुरा घाट पर रिवटमेट का कार्य तेजी से शुरु हो चुका है।
 

हरियाणा में मानसून की आने के साथ ही यमुना क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों में तेजी आई है। यमुना नदी के साथ लगते जिले लालूपुरा घाट पर रिवटमेट का कार्य तेजी से शुरु हो चुका है। हालांकि कार्य में तेजी निर्धारित डेडलाइन बीत जाने के बाद आई है। विभाग का दावा है एक हफ्ते में यह काम  पूरा कर दिया जाएगा।

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
यमुना का तटबंध मजबूत होने के काम में तेजी आने ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि यह डेडलाइन पहले 30 जून और फिर 7 जुलाई की तय थी। यह समय बीत जाने के बाद बाढ़ बचाव काम में तेजी आई है।

यमुना से लगते करनाल जिले के सबसे संवेदनशील प्वाइंट लालूपुरा घाट पर रिवटमेंट का काम शुरू हो चुका है। करीब 3300 फिट लंबे तटबंध का काम एक सप्ताह में पूरा करने का दावा है।

पिछले साल मची थी तबाही

लालूपुरा के सरपंच और ग्रामीणों ने कहा कि पिछले साल यमुना में आई बाढ़ से बड़ी तबाही हुई थी। किसानों के सैकड़ों एकड़ खेत बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे। इस बार भी लोगों में बाढ़ को लेकर आशंका है। हालांकि अब विभाग ने बाढ़ बचाव के कार्यों में तेजी ला दी है। उम्मीद है कि यमुना में जलस्तर बढ़ने से पहले काम पूरे हुए तो गांव बाढ़ से बच जाएंगे ।

सैकड़ों एकड़ फसल हुई थी बर्बाद
यमुना पर तटबंध बांधने का काम समय पर पुरा न होने से गत वर्ष अचानक आए पानी से यमुना में बाढ़ आ गई थी। गांव लालूपुर के आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई थी और आसपास खेती करने वाले किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि प्रशासन ने करीब एक माह तक तट पर कार्य करके पानी गांव में आने से रोक लिया था लेकिन फसलों का नुकसान हो गया था।


नहीं मिला फसलों का मुआवजा

गांव लालूपूरा व आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष बाढ़ में खेतों में फसलें तबाह होने के बावजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने न तो उनकी सुध ली और न मुआवजा ही मिला। फसलें नष्ट होने के कारण वे कर्जदार हो गए हैं। प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए।