हरियाणा ने बिजली, खेल, वन, स्वास्थ्य, जनस्वास्थ्य व सिंचाई में बनाए ये खास रिकॉर्ड

 

पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की है। विशेषकर इन सात वर्षों में प्रदेश ने बिजली, पेयजल, सिंचाई के क्षेत्रों में लम्बे डग भरे हैं। हर घर नल योजना के अंतर्गत हरियाणा सभी घरों में पेयजल कनैक्शन पहुंचाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

3हरियाणा में रिकॉर्ड पांच हजार से अधिक गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। इसके साथ ही लौहारु, रेवाड़ी, नारनौल सहित प्रदेश के कई इलाकों में दशकों बाद ङ्क्षसचाई का पानी पहुंचा है। खास पहलू यह है कि हरियाणा के बिजली निगम आज से कुछ साल पहले घाटे की गाड़ी पर सवार थे, वहीं बिजली निगम अब मुनाफे की पटरी पर तेजी से दौड़ रहे हैं .

कभी बिजली निगमों पर 3 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज था। अब बिजली विभाग 350 करोड़ रुपए मुनाफे में है। यह मुनाफा आने वाले समय में अधिक होने की संभावना है। हरियाणा में 70 लाख बिजली उपभोक्ताओं को आज सुदृढ़ तरीके से बिजली की सप्लाई की जा रही है।

मुनाफे की पटरी पर आया बिजली निगम

गौरतलब है कि अक्तूबर 2014 में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनीं। मनोहर लाल खट्टर पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। पिछले करीब सात वर्षों में हरियाणा ने विशेषकरत बिजली और सिंचाई के मामले में तरक्की की है। अगर हम बिजली की बात करें तो म्हारा गांव-जगमग गावं योजना के अंतर्गत हरियाणा के 5500 से अधिक गांव आज जगमग हो रहे हैं।

पारदर्शी व्यवस्था और ठोस नीति के चलते बिजली का लाइन लोस 30.3 प्रतिशत से कम होकर 14.55 प्रतिशत तक रह गया है। हरियाणा में 16,753 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं और 1 लाख 29 हजार नए कनैक्शन दिए गए। 582 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके 824 किलोमीटर लम्बी प्रसारण लाइनें जोड़ी गईं हैं। निर्बाध और उत्तम गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति के लिए 53 नए सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2015-16 से लेकर 2019-20 तक हरियाणा में 6772 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है और आगामी 5 वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपए की एक परियोजना बनाई गई है। घरों, कालोनियों व स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली 2500 खतरनाक लाइनों को शिफ्ट करने की ठोस योजना शुरू बिजली के महत्व को समझते हुए हरियाणा का बिजली मंत्रालय सौर ऊर्जा की दिशा में लम्बे डग भर रहा है।

हरियाणा में 50 हजार ऑफ-ग्रिड सौर पंप स्थापित करने की बड़ी योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत व करनाल में 3 लाख 46 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

प्रदेश में अब दो किलोवाट तक के कनैक्शन 200 रुपए में दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही हरियाणा सौर ऊर्जा में लम्बे डग भर रहा है। इस कड़ी 682.3 मैगावाट बिजली का उत्पादन सौर तकनीक से हो रहा है। प्रदेश में 1696 करोड़ रुपए से 75 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा के 50 हजार यंत्र दिए जाने हैं।

नहरों का बिछा जाल

इसके साथ ही खेतों में ङ्क्षसचाई के लिए अब 8 घंटे की बजाय 10 घंटे बिजली दी जा रही है। इसी प्रकार से सरकार ने ङ्क्षसचाई परियोजनाओं पर भी खूब काम किया है। उपचारित जल का उपयोग करने के लिए 1098.25 करोड़ रुपए से 1828 एमएलडी क्षमता के साथ 207 ट्रीटमैंट प्लांट की परियोजना का काम प्रगति पर है। 100 प्रतिशत टेलों पर पानी पहुंचाने के लिए विशेष काम किया गया है। प्रदेश के 52 चैनलों-माइनरों के जीर्णोद्वार के लिए 244 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है।

30 करोड़ रुपए की लागत से नॉबार्ड ने 564 जलमार्गों के पुनर्वास का काम शुरू किया गया है। जल संसाधन की दिशा में उठाए गए सरकार के कदमों का ही नजीता है कि प्रदेश की सबसे लम्बी नहर सोरा माइनर (लोहरु) में 20 वर्ष बाद जबकि दिवाना सिस्टम नहर में 24 वर्ष बाद पानी पहुंचा। लोहारु इलाके के ङ्क्षनबेहड़ा माइनर में 20 साल बाद जबकि लाडवास, दमकोरा व डागरौली माइनरों में 22 साल बाद पानी पहुंचा।

हरा-भरा हरियाणा बनाने का संकल्प

वहीं हरियाणा को पर्यावरण के लिहाज से भी आगे ले जाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल संजीदा कदम उठाए हैं। इस कड़ी में हरियाणा के प्रत्येक शहर में ऑक्सीवन स्थापित किए जाएंगे। पंचकूला में घग्घर नदी के किनारे पर ऑक्सीवन लगाए जाएंगे।

प्रदेश के 1126 गांवों का पौधे लगाने के लिए चयन किया गया है। प्रत्येक गांव के एक युवा को वृक्ष मित्र लगाया गया है। इस वित्त वर्ष में 25 लाख स्कूली विद्याॢथयों को पौधे दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुरथल, में 116 एकड़ तथा साढौरा में 11.25 एकड़ जमीन पर एक नगर वन विकसित कया गया है। कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए किसानों की निजी भूमियों में विभाग की ओर से वित्त वर्ष में 20 लाख क्लोनल सफेदा के पौधे रोपित किए गए हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 59 हर्बल पार्क स्थापित किए गए हैँ जबकि मोरी क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का औषधीय वन स्थापित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

सेहतमंद हुआ हरियाणा

1114 व्यायामशालाएं खोली गई हैं तो 2014-15 से लेकर 2019-20 तक आपदा प्रबंधन के अंतर्गत किसानों को 2764.93 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है। हरियाणा में अब ङ्क्षलगानुपात भी 915 हो गया है। एमबीबीएस की सीटों की संख्या 750 से बढ़ाकर 1750 कर दी गई है। भिवानी में 535 करोड़, जींद के हेबतपुर में 663 करोड़, महेंद्रगढ़ के कोरियावास में 598 करोड़ से मैडीकल कालेज बनाए जा रहे हैं। सिरसा, यमुनानगर और कैथल में भी मैडीकल कालेज बनाए जाने हैं।

प्रदेश के 18 अस्तपालों में सीटी स्कैन एवं 5 अस्पतालों में एम.आर.आई. की सुविधा उपलब्ध है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 190 करोड़ 37 लाख रुपए से 1 लाख 50 हजार 820 लोगों का इलाज किया गया है।

इस योजना के अंतर्गत 22 लाख गोल्डन कार्ड बनाएग ए हैं जबकि अम्बाला, रेवाड़ी और पानीपत के अस्पतालों की क्षमता 100 बैड से 200 की गई है। सरकार की ओर से 6 अस्पताल, एक सामुदायिक केंद्र, 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 11 उपस्वास्थ्य केंद्र अपग्रेड किए गए हैं। वहीं मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और इस साल आई दूसरी लहर में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया। कोराना के संकटकाल में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल मैदान में नजर आए और उन्होंन ऑक्सीजन मंगवाने को लेकर कदम उठाए।

हर घर में दिया कनैक्शन

खास बात यह है कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जहां हर घर में जल कनैक्शन दिया जा चुका है। प्रत्येक घर में अब टोंटी लगी हुई है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत समय से पहले हरियाणा ने लक्ष्य पूरा किया तो इसके लिए हरियाणा को नैशनल अवार्ड भी मिला।

15 करोड़ 25 लाख से 10 नहर आधारित नलकूप स्थापित किए गए। 120 करोड़ से 466 नए नलकूप और 82 बूस्टिंग स्टेशन बनाए गए। जलापूर्ति को मजबूत करने पर ही 805 करोड़ रुपए खर्च हुए। महाग्राम योजना के अंतर्गत 21 गांवों में 135 लीटर पानी दिया गया। ग्रामीण क्षेत्र में 4 लाख 55 हजार नए कनैक्शन दिए गए हैं।

खेलों में नई राह दिखा रहा हरियाणा

देश के छोटे राज्यों में शुमार हरियाणा खेलों में नजीर पेश कर रहा है। खेलों में हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने में सफल हुआ है। यही वजह रही कि टोक्यो ओलम्पिक में हरियाणा के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने जैवलीन थ्रो में गोल्ड जीता। स्वर्ण पुत्र नीरज चोपड़ा पानीपत के रहने वाले है.

करीब 125 साल बाद एथलेटिक्स में गोल्ड जीतकर नीरज ने इतिहास रच दिया। इसके साथ ही बजरंग पूनिया ने कांस्य जबकि रवि दहिया ने रजत पदक जीता। भारतीय ओलम्पिक दल के 124 में से 30 खिलाड़ी से हरियाणा के थे।

अकेले भारतीय महिला हॉकी टीम में 9 खिलाड़ी हरियाणा की थीं। दरअसल खेलों में हरियाणा ने पिछले एक दशक से अभूतपूर्व तरक्की की है। इस तरक्की के पीछे सरकार की ओर से खेलों को लेकर किए गए अनूठे और लाजवाब प्रयोग भी हैं।

खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी खेलों को लेकर काफी गंभीर नजर आते हैं। वे खुद सुबह योगा करते हैं। यही वजह रही मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के बाद ही हरियाणा के गांवों में व्यायामशालाएं खोले जानी की पहल की गई है।

हालांकि पंजाब, दिल्ली और राजस्थान सरीखे पड़ौसी प्रदेशों से भी हरियाणा खेलों में काफी आगे निकल गया है और अब इन राज्यों के खिलाड़ी भी हरियाणा जैसी सुविधाओं की आवाज उठाने लगे हैं। खास पहलू यह है कि इन राज्यों के बहुत से खिलाड़ी हरियाणा में ही आकर अपना हुनर निखा र रहे हैं। क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से छोटे से राज्य हरियाणा के खिलाडिय़ों ने टोक्यो ओलम्पिक देश के आधे से पदक जीते।

खिलाडिय़ों पर सरकार ने भी खूब मेहरबानी दिखाई। स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को अढ़ाई करोड़ रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। पदक विजेताओं को प्लाट और सरकारी नौकरी भी जाती है। यह पूरे देश में एक मिसाल है। अक्तूबर 2014 में भाजपा सत्ता में आई थी और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने।

उसके बाद से ही खेलों को लेकर खूब काम हरियाणा में हुआ। सरकार अब तक के करीब 12 हजार पदक विजेता खिलाडिय़ों को 366 करोड़ रुपए के ईनाम दे चुकी है जो पूरे हरियाणा सर्वाधिक है। खिलाडिय़ों को कॅरियर की चिंता से मुक्त करने के लिए उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को क्लास एक का सरकारी पद दिया जाता है। खिलाडिय़ों की प्रतिभा निखारने के लिए अर्जुन, द्रोणाचार्य व ध्यानचंद पुरस्कार विजेता कोच को 20 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार ने शुरू किया।

तेनजिंग नोर्गे अवार्ड विजेताओं को 20 हजार रुपए व भीम पुरस्कार विजेताओं को 5 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार की ओर से दिया जा रहा है। पर्वतारोहियों को 5 लाख रुपए का नगद पुरस्कार और ग्रेड सी खेल श्रेणी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। खास बात यह है कि सरकार स्कूली लेवल से खेलों का आधारभूत ढांचा मजबूत कर रही है।

इस कड़ी में हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल हरियाणा के सोनीपत के राई में की गई है। नई खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए स्कूलों में 297 खेल नर्सरियां स्थापित की गई हैं। प्रदेश में खेलों का बढ़ता आधारभूत ढांचे का ही नतीजा है कि हरियाणा को पहली बार खेलो इंडिया की मेजबानी भी मिली .