हरियाणा के किसान ने ग्राफ्टिंग तकनीक से किया कमाल, एक एकड़ में 15 किस्मों के उगाये 450 फलदार पौधे, अब ऐसे मिल रहा है लाभ 

हरियाणा के पानीपत में प्रगतिशील किसान विनोद नांदल ग्राफ्टिंग तकनीक  से खेती कर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन गए है।
 

Kisan News: हरियाणा के पानीपत में प्रगतिशील किसान विनोद नांदल ग्राफ्टिंग तकनीक  से खेती कर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन गए है। यहां विनोद नांदल ने गांव महराना स्थित अपने फार्म में ग्राफ्टिंग यानी पौधों पर कलम चढ़ाकर अलग-अलग किस्मों के फलदार पौधे उगाने की तकनीक से एक एकड़ में 450 पौधे लगाये हैं और उन पर फल लगने भी शुरू हो चुके हैं। 

उन्होनें फार्म में निम्बू, आंवला, आड़ू, आलू बुखारा, अनार, अमरूद की हिसार सफेदा, वीएनआर रायपुर व पिंक ताइवान किस्में, बादाम, मौसमी, चिकू, आम की तीन तरह की वैरायटी, सेब व मोरिंगा सहित 15 फलदार पौधे लगाये हैं। कलम चढाकर एक साथ लगाये इस तरह के फलदार पौधों को बागवानी की भाषा में ‘मदर ब्लॉक’ कहा जाता है। 

अब उनके मदर ब्लॉक को देखने के लिए दूसरे जिलों से भी किसान आते हैं। नांदल ने बताया कि उसने अपनी साढ़े तीन एकड़ जमीन में से एक एकड़ में 15 फलदार पौधों का मदर ब्लॉक लगाया हुआ है। ढाई एकड़ जमीन में से आधा एकड़ में मौसमी, एक एकड़ में आडू व एक एकड़ में नाशपाती का इसी मॉनसून के सीजन में बाग लगाना है। साढ़े तीन एकड़ में चारों तरफ बांस व मोहगिनी के 200-200 पौधे भी लगाये जाएंगे। 


जबकि मोरिंगा के भी करीब दो हजार पौधे लगाये जाएगे और साढ़े तीन एकड़ में 3500 पौधे लगाये जाएंगे। इसके अलावा विनोद नांदल ने गांव महराना में अपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगाई हुई है और उसमें वे लकड़ी घानी द्वारा सरसों, बादाम, अखरोट, नारियल, तिल, कलौंजी, अल्सी, मुंगफली, सुरजमुखी व अरंडी का तेल निकालते हैं और यूनिट के साथ ही मैन रोड पर बनाये गये आउटलेट पर तेल बेचते हैं। बागवानी विभाग के डीएचओ डॉ शार्दूल शंकर के अनुसार ग्राफ्टिंग तकनीक अपनाकर जो फलदार पौधों तैयार होता है, उन पर उच्च क्वालिटी के फल लगते है। इसे आम भाषा में कलम चढाना भी कहा जाता है।