Haryana Assembly Election: हरियाणा में JJP-ASP मिलकर लड़ेगी विधानसभा चुनाव, दिल्ली में दुष्यंत चौटाला करेंगे ऐलान

 हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले है।
 
हरियाणा में JJP-ASP मिलकर लड़ेगी विधानसभा चुनाव, दिल्ली में दुष्यंत चौटाला करेंगे ऐलान

Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले है। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस नए राजनीतिक गठबंधन का ऐलान दिल्ली में करेंगे। इस दौरान दुष्यंत चौटाला के साथ एएसपी पार्टी के फाउँडर और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद मौजूद रहेंगे।


जजपा के संस्थापक दुष्यंत चौटाला ने इसकी जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर दी है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि, "किसान कमेरे की लड़ाई, हम लड़ते रहेंगे बिना आराम, ताऊ देवीलाल की नीतियां, विचारधारा में मान्यवर कांशीराम"।

इसलिए गठबंधन चाहती है जजपा

हरियाणा में 21% के करीब दलित वोट है। जो हार और जीत में बड़ी भूमिका निभाएंगे। विधानसभा की 17 सीटें रिजर्व हैं और प्रदेश की 35 सीटों पर दलित वोटरों का प्रभाव है। जजपा का टारगेट 17+35 सीटों पर है, जिससे वह 2019 की तरह हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका में आ सके।

5 साल पहले हुए चुनाव में जजपा को जाट और दलितों का अच्छा वोट मिला था, अब इस चुनाव में भी जजपा यह कोशिश कर रही है कि हरियाणा की जाट और दलित बाहुल्य सीटों पर उसके प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन कर सकें।


 


तीसरा मोर्चा बना तो कांग्रेस को नुकसान

हरियाणा में अगर गैर तीसरा मोर्चा बनता है तो सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान होगा। इसकी वजह यह है कि बीजेपी से नाराज वोटर जजपा, इनेलो, बसपा और आम आदमी पार्टी की तरफ खिसक सकता है। जब भी भाजपा के खिलाफ प्रदेश में वोट बैंक बंटता है इसका फायदा भाजपा को होता है और कांग्रेस को नुकसान पहुंचता है। इस बार लोकसभा चुनाव में जनता ने 2 ही पार्टी कांग्रेस और भाजपा को वोट दिए जिसके कारण कांग्रेस का वोट प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले बढ़ा है।


 


12 मार्च को BJP से गठबंधन

2019 के विधानसभा चुनाव में BJP को हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। इसकी वजह से 10 सीटें जीतने वाली JJP के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई गई। इस सरकार में खट्‌टर को CM तो JJP कोटे से दुष्यंत चौटाला को डिप्टी CM बनाया गया।

करीब साढ़े 4 साल तक सब कुछ ठीक चला, लेकिन इसी साल 12 मार्च को अचानक खट्‌टर ने CM पद से इस्तीफा दे दिया और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया।

दोनों को लोकसभा चुनाव में हुआ नुकसान

निर्दलीय विधायकों के समर्थन से BJP ने नायब सैनी के नेतृत्व में फिर से सरकार बना ली। लोकसभा चुनाव में BJP और JJP दोनों ने अलग होकर चुनाव लड़ा। BJP को जहां 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों का नुकसान हुआ तो JJP की बुरी तरह हार हुई। खुद हिसार सीट से दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला बुरी तरह हार गईं।