Success Story: मां करती थीं मजदूरी पिता चलाते थे ऑटो, होटल में वेटर की नौकरी कर भरी फीस, ऐसा था IAS बनने का सफर

 

Chopal Tv, New Delhi

कहते हैं कि मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है। महाराष्ट्र के जालना के रहने वाले अंसार अहमद शेख ने इस कहावत को सही साबित किया और जिंदगी में सभी मुश्किलों को पार करते हुए आईएएस अफसर बने।

अंसार अहमद शेख महाराष्ट्र के जालना जिले के एक छोटे से गांव के रहने विले हैं। अंसार के परिवार के हालात काफी खराब थे। हाल ऐसा हो गया था कि अंसार को पढ़ाई छोड़ने की भी नौबत आ गई थी। उनके पिता और रिश्तेदारों ने अंसारी पर पढ़ाई छोड़ने का दबाव बनाया था।

अंसार अहमद शेख ने बताया, 'अब्बा ने पढ़ाई छोड़ने को कहा था और इसके लिए वह मेरे स्कूल पहुंच गए थे, लेकिन मेरे टीचर ने उन्हें समझाया और बताया कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं। इसके बाद किसी तरह दसवीं की।

जब अंसार ने 12वीं में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किए तो घरवालों ने कभी उनकी पढ़ाई रोकने का नहीं सोचा। अंसार ने बताया कि उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और हर रोज सिर्फ सौ से डेढ़ सौ रुपये तक कमाते थे और उनकी मां खेतों में मजदूरी करती थीं।

उनके पूरे परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल होता था और ऐसे में उनके पिता पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे पाते थे। जब 12वीं के बाद अंसार पुणे के फर्गुसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया और फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू का फैसला किया।

लेकिन उनके पिता उनकी फिस नहीं दे पाते थे जिसकी वजह से उन्होंने पैसे जुटाने के लिए होटल में वेटर का काम किया। अंसार अहमद शेख बताया था, 'पैसों के लिए मैंने होटल में वेटर का काम किया। यहां लोगों को पानी सर्व करने से लेकर मैं फर्श पर पोछा तक लगाता था.'

अंसार अहमद शेख ने सभी मुसीबतों का सामना करते हुए कड़ी मेहनत और संघर्ष किया। और साल 2015 में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। अंसार ने ऑल इंडिया में 371वीं रैंक हासिल की और आईएएस बने।