हरियाणा में हजारों आढ़ती हड़ताल पर, फसल खरीद नहीं, जानिए कैसे करोडों का कारोबार हुआ प्रभावित?

 
हरियाणा में हजारों आढ़ती हड़ताल पर, फसल खरीद नहीं, जानिए कैसे करोडों का कारोबार हुआ प्रभावित?
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ई नेम पोर्टल के विरोध और अन्य मांगों को लेकर हरियाणा में हड़ताल पर चल रहे आढ़तियों और राज्य सरकार के बीच सहमति नहीं हो पाई। चंडीगढ़ के हरियाणा निवास में करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के बेनतीजा रही और बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। हरियाणा निवास में हुई बैठक में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण आढ़तियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान कर दिया।

आढ़तियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, उनका सघंर्ष जारी रहेगा। गौरतलब है कि अढ़ाई प्रतिशत आढ़त का कमिशन देने और अन्य मांगों को लेकर आढ़ती पिछले दो दिनों से हड़ताल पर चल रहे हैं। इस समय प्रदेश भर में फसली सीजन है और आढ़तियों की हड़ताल के बाद मंडियों में फसलों की खरीद नहीं हो सकी है। राज्य भर में करीब दो सौ बड़ी मंडियां हैं और करीब 28 हजार आढ़ती हैं।

प्रदेश में हड़ताल के चलते करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। गौरतलब है कि सोमवार शाम को प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ बैठक के लिए आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल को चंडीगढ़ बुलाया गया।

शाम छह बजे आढ़ती हरियाणा भवन पहुंच गए, लेकिन कृषि मंत्री जेपी दलाल बैठक में नहीं पहुंचे। इसके बाद सरकार की ओर से कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज अग्रवाल व मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक सुजान सिंह बैठक में पहुंचे।

करीब बढ़े घंटे तक चली बैठक में आढ़तियों ने अपनी मांगें दोहराई। आढ़तियों ने साफ किया कि वह ई नेम पोर्टल के माध्यम से खरीद नहीं करेंगे। इसलिए पहले की तरह ही व्यवस्था बहाल की जाए। अधिकारियों ने कहा कि वह इस संबंध में कृषि मंत्री जेपी दलाल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बात करेंगे,

इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। ऐसे में बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद आढ़तियों ने हड़ताल को अनिश्चितकालीन करने की घोषणा कर दी। वहीं इस सिलसिले में हरियाणा स्टेट मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अशोक गुप्ता और चेयरमैन रजनीश चौधरी ने कहा कि आढ़तियों के पहले तय कार्यक्रम जारी रहेंगे।

21 सितंबर को करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। इसके बाद आगामी रणनीति का खुलासा किया जाएगा। उधर, कृषि मंत्री जेपी दलाल पहले ही कह चुके हैं कि ई नेम पोर्टल किसानों के हित में है और इसके माध्यम से ही मंडियों में खरीद होगी।