बरसात बनी आफत, हरियाणा के इन जिलों में फसलों को नुक्सान

 
बरसात बनी आफत, हरियाणा के इन जिलों में फसलों को नुक्सान
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हरियाणा में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। बरसात के चलते गुरुग्राम शहर में हुए जलभराव के बाद स्थिति संकटदायक हो गई है। वहीं, बरसात के चलते फसलों को खासा नुक्सान पहुंचा है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को हरियाणा के कुछ स्थानों पर 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई है।

शुक्रवार को यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद रोहतक, झज्जर, चरखीदादरी, महेंद्रगढ़, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, एनसीआर, दिल्ली, हिसार, भिवानी आदि जिलों में हल्की से मध्यम और अनेकों स्थानों पर मूसलाधार बारिश हुई।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र ओडिसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश से होता हुआ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, एनसीआर, दिल्ली तक पहुंचा हुआ है। इसकी वजह से हरियाणा, एनसीआर, दिल्ली, पश्चिमी, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के साथ पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है।

इसके अलावा एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय है। इन सभी कारणों से पिछले दो दिनों से सम्पूर्ण इलाके में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। आने वाले दो तीन दिनों तक यही स्थिति बने रहने की संभावनाएं बन रही है।

वहीं हरियाणा में बरसात के चलते अलग-अलग जिलों में सब्जियों, धान, नरमा और बाजरे की फसल को नुक्सान पहुंचा है। भिवानी क्षेत्र में पिछले तीन दिन से हो रही बेमौसमी वर्षा से आमजन का जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। निचले क्षेत्र में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया है तो वहीं भारी बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है।

पहले सूखे की मार में आई किसानों की बची हुई फसलों को बेमौसमी वर्षा ने बर्बाद कर दिया था। बची हुई खरीफ की पककर तैयार फसल अब बेमौसमी बारिश की चेपट में आ गई है। गौरतलब है कि इस बार हरियाणा में जुलाई में भी औसत से अधिक बरसात हुई और अब मानसून एक बार फिर से प्रभावी हो गया है।

हरियाणा में इस बार करीब बारह लाख हैक्टेयर में धान और साढ़े 6 लाख हैक्टेयर में नरमा की फसल है।