Meri Fasal Mera Byora मेरी फसल मेरा ब्यौरा- 14 से 17 अक्टूबर तक फिर खुलेगा पोर्टल, जानिये कैसे करें आवेदन

 
Meri Fasal Mera Byora मेरी फसल मेरा ब्यौरा- 14 से 17 अक्टूबर तक फिर खुलेगा पोर्टल, जानिये कैसे करें आवेदन
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हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में निर्णय लेते हुए खरीफ की फसलों के पंजीकरण के लिए ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल को एक अक्तूबर से 3 अक्तूबर 2021 तक पुन: खोल दिया है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों द्वारा अपने कृषि उत्पादों को मंडियों में बेचने तथा सरकार द्वारा कृषि से संबंधित चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाने हेतु अपनी फसलों का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ में करवाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि जो किसान किसी कारणवश अपनी फसलों का अभी तक पंजीकरण नहीं करवा पाए हैं, वे अब एक अक्तूबर से 3 अक्तूबर 2021 तक करवा सकते हैं। पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि किसान अपनी फसल से संबंधित शिकायत पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं।

किसान भाइयों के लिए जरूरी सूचना है। किसान भाई मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर तक अपनी फसलों के पंजीकरण करवा सकते हैं। दो दिनों के लिए पोर्टल खोला जाएगा। जिसमें किसान भाई अपने नजदीकी सीएससी केंद्रों पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

मेरी फसल मेरा ब्योरा का पोर्टल केवल 2 दिन हीं खुलेगा पोर्टल 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक खुलेगा मेरी फसल मेरा ब्योरा का पोर्टल, जिन किसान भाइयों ने पंजीयन करवाना हो वह इन 2 दिनों में करवा सकता है

कोरोना महामारी ने देश के हर वर्ग के व्यक्ति की कमर तोड़ दी है। केंद्र व राज्य सरकारें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पूरजोर कोशिश कर रही हैं। कई तरह की योजनाओं के माध्यम से सरकार हर वर्ग के लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है।

इसी क्रम में हरियाणा सरकार की मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना प्रदेश के किसनों को लाभ पहुंचाएगी। आपको बता दें कि, इस पार्टल के माध्यम से हरियाणा सरकार कोरोना काल में भी किसानों से गेहूं और सरसों खरीदेगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण होना अनिवार्य है।

क्या है मेरी फसल, मेरा ब्यौरा योजना ?
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को फसल का सही दाम दिलवाने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा नाम का पोर्टल शुरू किया गया है । इस पोर्टल पर किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं । जिसके बाद वें सरकारी मंडियों में अपनी फसल बेच पाएंगे।


मेरी फसल, मेरा ब्यौरा से जुड़ी अहम जानकारी-
किसान का पंजीकरण , फसल का पंजीकरण और खेत का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज होगा।
किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता और समस्या निवारण के लिए एक अनूठा प्रयास।
फसल की बिजाई-कटाई का समय और मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध करना।
कृषि संबंधित जानकारियाँ समय पर उपलब्ध करवाई जाएंगी।
खाद्य ,बीज ,ऋण एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध कराना।
किसानों को आत्महत्या करने से बचाना।
प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाना।


मेरी फसल, मेरा ब्यौरा योजना के लाभ-
बोई जाने वाली फसलों की जानकारी प्राप्त करने तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को देने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय फसल ई-सूचना नामक वैब पोर्टल लॉन्च किया है।
कार्यरत वीएलई सभी किसानों की फसलों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज करवाएंगे |
वीएलई को इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सीधे उसके खाते में भुगतान किया जाएगा।
वीएलई के अलावा किसान अपने स्तर पर खुद इंटरनेट के माध्यम से (fasal.haryana.gov.in) को खोलकर भी अपनी फसलों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं।
इस पोर्टल पर आने वाली सूचनाओं को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के साथ सांझा किया जाएगा।
किसानों द्वारा अपलोड की जाने वाली सूचना किसी अन्य कानूनी क्लेम में प्रयोग नहीं की जा सकेगी।
इसके अलावा जमाबंदी संबंधी डाटा भी पटवारियों द्वारा सांझा किया जाएगा।
इससे किसानों की फसलों की खरीद प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
खरीफ फसलों का ब्यौरा किसान ऑनलाइन दे सकते हैं।

मेरी फसल, मेरा ब्यौरा योजना के लिए जरुरी दस्तावेज-

आधार कार्ड
जमीन की जानकारी के लिए नक़ल की कॉपी /फारद की कॉपी से अपना मुरब्बा नंबर खसरा नंबर देख कर भरें |
फसल के नाम /किस्में /बुआई का समय
बैंक की पासबुक की कॉपी


मेरी फसल, मेरा ब्यौरा योजना के लिए ऐसे करें आवेदन-

येजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट fasal.haryana.gov.in पर जाना होगा।
आप रजिस्ट्रेशन से पहले वीडियो देख कर भी इस के बारे में जानकारी ले सकते है।
पंजीकरण करने के लिए वेबसाइट पर जाकर “पंजीकरण (क्लिक करें)” लिंक पर क्लिक करें।
ऐसा करने के बाद किसान पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन फॉर्म में मांगी गई सारी जानकारी सही से भरें।
सारी सुचना सही से भरने के बाद पंजीकरण फॉर्म सबमिट कर दीजिये।
पंजीकरण हो जाने के बाद आप पंजीकरण संख्या व अन्य जानकारी संभाल कर रख लें।

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हरियाणा में बाजरा भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ में किया शामिल- मुख्यमंत्री

- यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य

हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में इस खरीफ सीजन से बाजरे की उपज को भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ में शामिल करने का निर्णय लिया है।
यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इससे पहले, हरियाणा में बागवानी फसलों के लिए भी ‘भावांतर भरपाई योजना‘ लागू की जा चुकी है। इस योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बताया कि बाजरे की खरीद के बारे में निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं :-

1. बाजरे के औसत बाजार भाव व एम.एस.पी. के अंतर को भावांतर मानते हुए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल के सत्यापन उपरांत सही पाये गये किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा।

2. बाजरे के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है, जबकि पड़ौसी राज्यों राजस्थान और पंजाब ने इस बार भी बाजरे के लिए कोई योजना नहीं बनाई है और लगता है कि वे पहले की तरह इस बार भी बाजरे की खरीद नहीं करेंगे।

3.ऐसे में इन राज्यों से बाजरा हरियाणा में बिकने के लिए आने की आशंकाएं हैं। इसलिए हरियाणा प्रदेश के उन किसानों का ही बाजरा खरीदने के लिए भावांतर पर भरपाई करने का निर्णय लिया गया है, जिन्होंने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उपज भाव को मेनटेन करने के लिए बाजार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी।

4. खरीफ -सीजन 2021 में बाजरे के लिए 2 लाख 71 हजार किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें से लगभग 8 लाख 65 हजार एकड़ भूमि पर बाजरे का सत्यापन हुआ है। खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा। यह भुगतान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर सत्यापित किसानों को ही किया जाएगा।

5. इस सीजन में सरकार इन सात फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी- धान, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर,तिल और मूंगफली।

6. मूंग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्तूबर से और मंूगफली की खरीद 1 नवम्बर से शुरू होगी।

7. इसके अलावा, राज्य सरकार पहली बार अरहर, उड़द और तिल की खरीद भी करने जा रही है जो 1 दिसम्बर से शुरू होगी।

8. किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे कि मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही 4,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।

9. प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं। धान की खरीद के लिए भी 199 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं।

10. इसके अलावा 72 अतिरिक्त खरीद स्थलों की भी पहचान की गई है। यदि खरीद केन्द्रों पर भारी मात्रा में आवक होगी, तो इन स्थलों का उपयोग धान की खरीद के लिए किया जाएगा।