हरियाणा में तीन दिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना, देखें मौसम विभाग की किसानों के लिए सलाह

 
हरियाणा में तीन दिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना, देखें मौसम विभाग की किसानों के लिए सलाह
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हरियाणा में मौसम का रुख फिर से बदलने वाला है, क्योंकि एक एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन राजस्थान के ऊपर बनने से मानसून की हवाओं की हरियाणा की तरफ वापस लौटने की संभावना बन रही है।

मौसम में आई इस गड़बड़ी की वजह से राज्य में 16 अक्टूबर तक मौसम परिवर्तनशील और खुश्क बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा में 17 से 18 अक्टूबर तक कहीं-कहीं बारिश होने की चेतावनी जारी की है।

बता दें कि राज्य से 8 अक्टूबर को मानसून की वापस लौटने लगा था। वहीं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल खीचड़ का कहना है कि राजस्थान के ऊपर एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है। जिस वजह से पश्चिमी में उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।

वहीं बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित कम दबाव के क्षेत्र की वजह से 17-18 अक्टूबर को प्रदेश में कहीं-कहीं बूंदाबांदी संभावित है। गौरतलब है कि पूरे हरियाणा राज्य में इस मानसून में सामान्य से 30 फीसदी अधिक बारिश हुई है। कई जिलों में तो इस बार बारिश ने नए रिकॉर्ड कायम किये हैं।

किसानों को सलाह: इस गतिशील और परिवर्तनशील मौसम के मद्देनजर किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि 18 अक्टूबर तक आमतौर पर मौसम आंशिक बादल और हल्की हवाएं संभावना हैं। इस दौरान बीच-बीच में कहीं-कहीं पर गरज-चमक, हल्की हवाओं के साथ हल्की बारिश/बूंदाबांदी/फुहार, मध्यम से भारी बारिश की संभावनाएं बनी रहेगी। ऐसे में अपनी पकी हुई, या मंडी में रखी फसलों का ध्यान रखें।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम

14 अक्टूबर तक महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।

चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इसके प्रभाव में एक कम दबाव का क्षेत्र जल्द ही उसी क्षेत्र में विकसित होने की संभावना है और इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में दक्षिण ओडिशा और आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है।

पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह समुद्र तल से 4.5 किमी तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है।

ईस्ट वेस्ट ट्रफ अब बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व पर बने हुए चक्रवाती परिसंचरण से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक होते हुए पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बने हुए चक्रवाती परिसंचरण तक जा रही है।

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और इससे सटे इलाकों पर बना हुआ है।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल

पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 14 अक्टूबर तक पूरी तरह विदा होने की उम्मीद है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों, केरल और तमिलनाडु, लक्षद्वीप और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, तटीय ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि

अगले 24 घंटों के दौरान, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।

मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा, लक्षद्वीप, कोंकण और गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और बाकी पूर्वोत्तर भारत और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।