Haryana News: हरियाणा में मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा, झींगा पालन के लिए कृषि मंत्री ने दिए निर्देश
हरियाणा के मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और यह स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ सभी किसानों और मत्स्य पालकों तक पहुंचाने के लिए ठोस रणनीति तैयार करें। साथ ही, इन योजनाओं के प्रति किसानों में जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार मत्स्य पालन को अधिक लाभदायक और आकर्षक व्यवसाय बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके तहत, विभागीय योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि पात्र लाभार्थी इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।
हरियाणा सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में मत्स्य पालन को एक लाभदायक उद्योग के रूप में स्थापित करना है। हरियाणा में जल संसाधन की उपलब्धता और अनुकूल पर्यावरण को देखते हुए यह क्षेत्र किसानों और उद्यमियों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने में सक्षम है।
मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं, जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और नीली क्रांति के तहत, किसानों को सब्सिडी, प्रशिक्षण, और तकनीकी सहायता दी जा रही है। इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मत्स्य पालकों को तालाब निर्माण, मछली बीज (फिश सीड), और आधुनिक तकनीकों के उपयोग में सहायता प्रदान की जाए।
मुख्य फोकस बिंदु:
1. जागरूकता अभियान: ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे ताकि किसान इन योजनाओं का लाभ ले सकें।
2. तकनीकी प्रशिक्षण: मत्स्य पालन के आधुनिक तरीकों जैसे बायोफ्लॉक और रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
3. आर्थिक सहायता: तालाब निर्माण, फीड मैनेजमेंट और अन्य संसाधनों के लिए अनुदान (सब्सिडी) प्रदान की जाएगी।
4. मार्केटिंग और ब्रांडिंग: मत्स्य उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग और प्रोसेसिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
इसके अलावा, मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को योजनाओं से जोड़ने के लिए प्राथमिकता दी जाए। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
यह पहल न केवल हरियाणा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि यह प्रदेश को मत्स्य पालन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।