किसानों पर महगाई की जबरदस्त मार, केंद्र सरकार ने खाद- उर्वरकों पर घटाई सब्सिडी

मानसून के सामान्य रहने की खबर सामने आने पर चिंतित नजर आ रहे देश के किसानों के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है
 
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मानसून के सामान्य रहने की खबर सामने आने पर चिंतित नजर आ रहे देश के किसानों के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है, जिससे उनकी चिंता में इजाफा होना तय है. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खाद और उर्वरकों पर सब्सिडी घटाने का फैसला लिया गया है यानि आने वाले दिनों में खाद के दाम बढ़ने की पूरी संभावना है, जिससे किसानों पर महंगाई की मार पड़ेगी.

कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी रखने सूत्रों ने बताया कि फर्टिलाइजर्स की सब्सिडी में कटौती की गई है. DAP और MOP जैसे फर्टिलाइजर्स पर जो न्यूट्रेंड बेस्ड सब्सिडी (एनबीएस) मिलती है. उसमें कुल 35.36 प्रतिशत की कटौती की गई है. फर्टिलाइजर्स पर सब्सिडी की नई दरें अप्रैल से सितंबर की अवधि के लिए होगी.

फर्टिलाइजर्स की नई दरें

1. नाइट्रोजन पर अब 99.27 रुपये की जगह 76.49 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी. इस तरह 22.78 रुपये प्रति किलो का बोझ अब किसानों पर पड़ेगा.

2. इसी तरह पोटाश पर सब्सिडी 49.94 रुपये की जगह 41.03 रुपये प्रति किलो हो जाएगी. यानि 8.91 रुपये प्रति किलो का बोझ किसानों को भुगतना होगा.

3. सल्फर के लिए सब्सिडी 2.84 रुपये प्रति किलो की जगह 2.80 रुपये होगी. यानि 4 पैसे का खर्च किसानों को ही सहन करना होगा.

4. फॉस्फेट के लिए सब्सिडी अब 15.91 रुपये प्रति किलो होगी जो पहले 25.70 रुपये थी. यानि 9.79 रुपये की मार झेलने के लिए किसानों को तैयार रहना होगा. 

खरीफ फसल पर सबसे ज्यादा असर

मानसून सीजन में खरीफ फसलों की खेती में सबसे ज्यादा धान की बुआई होती है. जिसमें मुख्य तौर पर यूरिया यानि नाइट्रोजन की जरूरत होती है और सरकार ने सब्सिडी भी सबसे ज्यादा इसी खाद पर घटाई है. ऐसे में इस महंगी खाद का असर खरीफ की फसल पर होगा.