सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, चार महीने से धरने में था शामिल

Chaupal TV, Sonipat तीन खेती कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर एक और किसान की मौत हो गई। किसान की मौत हृदयगति रुकने के कारण हुई। बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले किसी परिचित की मौत होने पर किसान घर गया...
 
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सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, चार महीने से धरने में था शामिल

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तीन खेती कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर एक और किसान की मौत हो गई।  किसान की मौत हृदयगति रुकने के कारण हुई। बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले किसी परिचित की मौत होने पर किसान घर गया था, और कल ही वापस धरने पर लौटा था। साथी किसानों ने सरकार से मांग की है सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़ तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। कब तक यूं ही बलि लेती रहेगी।

सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, चार महीने से धरने में था शामिल

मृतक किसान की पहचान हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना के गांव बिचपड़ी निवासी राजेंद्र के रूप में हुई हैं। वह लगातार चार महीने से किसानों के धरने पर मौजूद था। 10 दिन पहले उसके परिचित की मौत होने के बाद वह कल ही धरने पर वापस लौटा था।

आज सुबह करीब 3 बजे राजेंद्र के सीने में दर्द हुआ दर्द इतना था कि उसकी दर्द के कारण मौत हो गई। उसके बाद मृतक के शव को उसके पैतृक गांव बिचपड़ी लाया गया जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, चार महीने से धरने में था शामिल

किसानो का कहना है की किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग पिछले चार महीने से ज्यादा का समय से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार किसानों की और ध्यान नहीं दे रही। इसके चलते 300 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। किसानों ने सरकार से मांग की है सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़ तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।