किसान का बेटा बना IAS अधिकारी, अस्पताल में डॉक्टरों के बीच रहकर की पढ़ाई, जानें उनकी Success Story

Chopal Tv, Nasik जीवन में कठिनाईयां कभी खत्म नहीं होती लेकिन कठिनाईयों से जो डटकर लड़ता है उन्हें सफलता जरुर मिलती है। ऐसी ही कठिनाईयों को पार एक किसान के बेटे ने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पार की और अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया। Difficulties never end in...
 
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किसान का बेटा बना IAS अधिकारी, अस्पताल में डॉक्टरों के बीच रहकर की पढ़ाई, जानें उनकी Success Story

Chopal Tv, Nasik

जीवन में कठिनाईयां कभी खत्म नहीं होती लेकिन कठिनाईयों से जो डटकर लड़ता है उन्हें सफलता जरुर मिलती है। ऐसी ही कठिनाईयों को पार एक किसान के बेटे ने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पार की और अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया।

Difficulties never end in life, but those who fight hard with difficulties get success. Overcoming similar difficulties, a farmer’s son cleared a tough exam like UPSC and fulfilled his dream of becoming an IAS.

हम बात कर रहे हैं नवजीवन पवार की, नवजीवन का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ। उनका जन्म गरीब परिवार में हुआ। लेकिन एक बार ज्योतिषी ने उनके बारे में कहा कि वो कभी भी एक आईएएस अधिकारी नहीं बन सकता।

लेकिन ज्योतिषी की बात को गलत साबित करने के लिए नवजीवन ने ठान ली। नवजीवन बचपन से पढ़ाई में बहुत होशियार थे। 12वीं के बाद उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीरियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वह यूपीएससी की तैयारी में लग गए।

But Navjeevan is determined to prove the astrologer’s point wrong. Navjeevan was very smart in studies since childhood. After 12th he got a degree in civil engineering. After completing his engineering degree, he started preparing for UPSC.

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था नवजीवन यूपीएससी की परीक्षा से पहले काफी बीमार हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। परीक्षा से एक महीने पहले नवजीवन को डेंगू हो गया था। उनकी तबीयत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

लेकिन नवजीवन अस्पताल में भी पढ़ाई करते रहे। डॉक्टर नवजीवन को देखकर काफी हैरान थे। क्योंकि एक तरफ डॉक्टर उसके हाथ पर इंजेक्शन लगाते थे तो दूसरे हाथ में किताब हुआ करती थी। जिसका असर ये हुआ कि बीमारी से ठीकर होकर नवजीवन पवार ने पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर की।

But Navjeevan continued to study in the hospital as well. The doctors were quite surprised to see Navjeevan. Because on one hand the doctors used to inject on his hand and on the other hand there used to be a book. The effect of which was that after recovering from illness, Navjeevan Pawar cleared the prelims in the first attempt itself.